आज 1 अप्रैल है और इस दिन को पूरी दुनिया में मूर्ख दिवस के तौर पर जाना जाता है. हालांकि ये कम ही लोग जानते होंगे कि एक अप्रैल को ही मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है. तो आइए जानते हैं क्या है इसकी वजह और इसका इतिहास?
April Fool Day Know who made whom April Fool for the first time April Fool Day: जानिए पहली बार किसने किसको बनाया था अप्रैल फूल
April Fool Day: एक अप्रैल को पूरे दुनिया में अप्रैल फूल डे मनाया जाता है, इस दिन लोग एक दूसरे को मूर्ख बनाने का प्रयास करते हैं. हिंदी में इसे दुनियाभर में मूर्ख दिवस भी कहते हैं. क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर इस अप्रैल फूल की शुरुआत कैसे हुई और इस दुनिया में सबसे पहले किसने किसको अप्रैल फूल बनाया था?
अप्रैल फूल की शुरुआत कैसे हुई
एक अप्रैल को पहली बार किसी को मूर्ख बनाने की बात जो सबसे पहले सामने आती है, वो चॉसर कैंटरबरी टेल्स (1392) की किताब में दर्ज एक कहानी से प्रेरित है. कहानी नन्स प्रीस्ट्स टेल के अनुसार, इंग्लैण्ड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी की सगाई की बात जनता को बताई गई और कहा गया कि इनकी सगाई 32 मार्च को तय की गई है. इस बात को वहां की जनता ने सच मान लिया और सामूहिक रूप से सब अप्रैल फूल बन गए, क्योंकि 32 मार्च कोई तारीख ही नहीं थी, तारीख था अप्रैल.
ये कहानी भी है लोक प्रिय
एक और कहानी जो अप्रैल फूल को लेकर लोकप्रिय है, वो है कि 1915 में एक अप्रैल को एक अफवाह उड़ी की जर्मनी के लिले हवाई हड्डे पर एक ब्रिटिश पायलट ने बम फेंक दिया. इसे सुनते ही वहां मौजूद लोग इधर-उधर भागने लगे. लेकिन जब कुछ देर तक कोई धमाका नहीं हुआ तो लोग उसके नजदीक गए और देखा कि वहां एक फुटबॉल फेंका गया था, जिस पर लिखा था अप्रैल फूल.
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